Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

8 सीवरमैन गंवा चुके हैं जान, पर आज तक नहीं मिला मुआवज़ा

चंडीगढ़,1 जून (ट्रिन्यू) चंडीगढ़ नगर निगम की लापरवाही के चलते आज तक सीवर साफ करते आठ सीवरमैन अपनी जान गंवा चुके हैं पर उनकी सुरक्षा आज तक किसी अधिकारी की प्राथमिकता नहीं रही। उन्हें तो आज तक मुआवज़ा तक नहीं दिया गया। लेक क्लब के पास गत अगस्त माह में सीवर की सफाई करते समय […]
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़,1 जून (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ नगर निगम की लापरवाही के चलते आज तक सीवर साफ करते आठ सीवरमैन अपनी जान गंवा चुके हैं पर उनकी सुरक्षा आज तक किसी अधिकारी की प्राथमिकता नहीं रही। उन्हें तो आज तक मुआवज़ा तक नहीं दिया गया। लेक क्लब के पास गत अगस्त माह में सीवर की सफाई करते समय मारे गए 40 वर्षीय सतबीर का परिवार आज भी मुआवज़े की प्रतीक्षा कर रहा है।
गत दिवस भी सीवर की सफाई करते समय मारे गए तीन सीवरमैनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवज़ा देने की महापौर ने घोषणा तो कर दी पर यह तय नहीं हो पाया है कि ठेकेदार के कर्मचारियों को निगम के खाते से किस खाते में मुआवज़ा दिया जा सकता है। सतबीर सिंह तो चंडीगढ़ प्रशासन के जनस्वाथ्य विभाग में तैनात था व सरकारी ड्यूटी पर सीवर साफ करते हुए उसकी मृत्यु हुई थी। उसकी पत्नी सुनीता ने बताया कि गत नौ माह से वह उन वादों के पूरे होने की प्रतीक्षा कर रही है जो उसके पति की मृत्यु के बाद उससे किए गए थे। वह बापू धाम कालोनी में एक छोटे से घर में अपनी तीन बेटियों व एक बेटे के साथ रह रही है।
उसके पति की मृत्यु के समय उसे आश्वासन दिया गया था कि प्रशासन उसे स्थाई नौकरी देगा। पर आज तक वह ठेके पर ही काम कर रही है व मात्र 7,700 रुपये ही मिलते हैं। उसके पति को उसकी मृत्यु से दो माह पहले ही नियमित किया गया था। उसे 4 लाख रुपये मुआवज़ा भी दिया जाना था वह भी आज तक नहीं मिला।

फायरमैन के आश्रितों को भी नहीं मिला मुआवज़ा
इतना ही नहीं नगर निगम में अपने कर्मचारियों के अतिरिक्त किसी अन्य को मुआवज़ा देने की व्यवस्था नहीं है। कुछ वर्ष पूर्व सेक्टर 22 में लगी आग में निगम के एक फायरमैन की मृत्यु हो गई थी। उसके आश्रितों को भी 10 लाख रुपये मुआवज़ा देने की घोषणा की गई थी, पर निगम दे नहीं पाया। जब उसका रिकार्ड देखा गया तो वह मूल रूप से चंडीगढ़ मार्किट कमेटी का कर्मचारी था व कानून कमेटी के कर्मचारियों का निगम में विलय ही नहीं हुआ है। इसके लिए तो निगम ने केन्द्र सरकार से भी स्पष्टीकरण मांगा था।

Advertisement

अगली बैठक में लाया जाएगा मुआवज़े का एजेंडा
निगम के एक अधिकारी का कहना था कि निगम सदन की अगली बैठक में उक्त तीनों सफाई कर्मियों को मुआवज़ा देने का एजंडा लाया जायेगा व वहां चर्चा के बाद तय होगा कि इन्हें निगम किस हैड में मुआवज़ा दे सकता है। उधर, महापौर पूनम शर्मा का कहना था कि फिवहाल तो वह ठेकदारों से अनुरोध कर मृतक सीवरमैनो के परिवारों के एक-एक सदस्य को डीसी रेट पर काम देने का अनुरोध करेंगी व उसके बाद उन्हें निगम में दिहाड़ी पर रखने पर भी विचार किया जा सकता है। उधर, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्यामलाल घावरी ने प्रशासन से मांग की कि गत दिवस मारे गए तीनों सीवरमैनों के परिवार के सदस्यों को 10-10 लाख रुपया मुआवज़ा दिया जाये व उनके परिवार के एक-एक सदस्य को पक्की नौकरी दी जाये।

Advertisement
×